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winter blues क्या हैं, शर्दी की मौसम में धुप के क्या फायदे है।

धुप को कहो welcome शर्दी की मौसम का मजा लीजिये।

winter blues एक प्रकार की मानसिक बीमारी है, इससे बचने के लिए धुप (sunbath) का सहारा लेना चाहिए।धूप को हानिकारक मानकर अधिकतर लोग धूप से परहेज करते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। धूप का आनंद लेना मन और स्वास्थ्य दोनों के लिए आवश्यक है…

पूजा को अपनी मा की यह तारीफ बहुत अच्छी लगी कि उसकी बेटी बिना घूंघट के भी घूंघट में रहती है। उसे घर पर काम करना पसंद है. वह शाम या रात को अपने पति के साथ घूमती भी है, लेकिन खुश होने के बावजूद भी उसकी तबीयत खराब रहने लगती है।

आयुषी सौंदर्य के प्रति बेहद सजाग हैं। वह त्वचा का बहुत ख्याल रखती हैं। लेकिन फिर भी कुछ दिनों तक उनकी त्वचा में वो ताजगी नहीं दिखी जिसके लिए वो जानी जाती थीं। लोगों ने इसका कारण उनकी त्वचा का फिककपन और  बेजान हो जाना बताया। और उन्हें चिंता न करने की सलाह दी।

winter blues एक मानसिक बीमारी

ऐसे कई उदाहरण हमें अपने आसपास मिल जाएंगे. ये उदाहरण वास्तव में विंटर ब्लूज़ नामक एक मानसिक बीमारी के हैं। एक मनोचिकित्सक डॉक्टर का कहना है, ”यह ज्यादातर महिलाओं को प्रभावित करता है।” यह रोग पुरुषों में कम होता है। दरअसल, लंबे समय तक धूप न लेने से न्यूरोहोर्मोन मेलाटोनिन की कमी हो जाती है। यह बीमारी महिलाओं में अधिक पाई जाती है। क्योंकि महिलाओं को घर से निकलना बहुत कम मौका मिलता है, जैसे के जो महिलाये हाउस वाइफ है,या ऑफिस में जॉब  करती है। जबकि पुरुषों को धूप में निकलना पड़ता है और पसंद भी है। इसलिए उन्हें यह बीमारी कम होती है। एक डॉक्टर (मनोचिकित्सक) का कहना है, ”विंटर ब्लूज़ को अक्सर मौसमी विकार समझ लिया जाता है। इसलिए उस समय मौसम के अनुसार ही खान-पान  और रहेने की व्यस्था रखनी चाहिए।

सूर्य सुंदरता का दुश्मन नहीं है

अधिकांश लोग धूप से बचते हैं क्योंकि इसे हानिकारक माना जाता है। जबकि सच तो यह है कि सुबह का सूरज विटामिन डी से भरपूर होता है। इसलिए इस सुबह की धूप  से हड्डियां मजबूत होती हैं, त्वचा भी चमकती है। धूप में विटामिन डी की मौजूदगी के कारण कैल्शियम का अवशोषण (absorption) भी अच्छा होता है। इसलिए सुबह की धूप बहुत फायदेमंद होती है।

सूर्य में प्रकाश और चमक है। इससे मन भी प्रसन्न और खुशनुमा रहता है। पहले लोग चौराहे पर एक साथ बैठकर घर का काम करते थे, बातें करते थे और धूप का आनंद लेते थे। आजकल यह प्रवृति कम होती जा रही है। इसलिए इसे दोबारा अपनाना होगा।  नए शोध के मुताबिक धूप लेने से हृदय रोग में नियंत्रित रहता है।

मनोचिकित्सक क्यों धुप की सलाह देते हैं ?

एक डॉक्टर का कहना है, ”हमारे यहां सूरज बहुत आसानी से उपलब्ध है। इसलिए लोग इस पर विचार नहीं करते, इसके महत्व को जानते हुए भी वह इससे दूर रहते हैं। जब विंटर ब्लूज़ के मरीज़ हमारे पास आते हैं, तो उन्हें सूरज का महत्व समझाना बहुत मुश्किल होता है। उनके मुताबिक धूप में न बैठने जैसी छोटी सी बात इतनी बड़ी बीमारी का कारण बन सकती है?” कुछ लोग तो यहां तक ​​कहते हैं कि उन्हें सूरज से एलर्जी है। इसलिए गर्मी बर्दाश्त नहीं होती। ऐसे मरीजों को सूर्य के बारे में विस्तार से बताना होगा। जब सूरज की एलर्जी से बचने के लिए सन क्रीम के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है तब उनकी समझ में कुछ आता है।

winter blues का अपनी जिंदगी पर क्या प्रभाव पड़ता है।

विंटर ब्लूज़ वाले मरीज़ ज़्यादा काम न करने के बावजूद थके हुए रहते हैं। ज्यादा सोने के बावजूद उनकी थकान कम नहीं होती। वे लोगों के साथ आपस में मिलना भी कम पसंद करते हैं।  जीवन में निराशा और उदासीनता बढ़ने लगती है। जो लोग विंटर ब्लूज़ से पीड़ित होते हैं उनमें तनाव का स्तर उच्च होता है, लेकिन उनमें तनाव को प्रबंधित करने की क्षमता बहुत कम होती है।” लंदन, नॉर्वे में लोग इसके प्रभाव में अधिक आते हैं। जब भी वहां सूरज निकलता है तो लोग उसका आनंद लेते हैं। जहां सूर्य की रोशनी नहीं पड़ती, वहां वह 10,000 वॉट के लैंप की रोशनी में बैठकर सूर्य की कमी को पूरा करता है।

धुप(sunbath) लेने के फायदे और सुझाव

कुछ विदेशी पर्यटक सिर्फ धूप का आनंद लेने के लिए भारत आते हैं। मनोचिकित्सक भी विंटर ब्लूज़ के रोगियों को धूप वाले देशों में जाकर स्वास्थ्य लाभ लेने का सुझाव देते हैं। यही कारण है कि विदेशी पर्यटक धूप का सेवन करने के लिए कम कपड़ों में समुद्र तट पर लेटे हुए दिखाई देते हैं। कुछ होटल मालिकों का कहना है कि भीषण गर्मी में भी कुछ विदेशी पर्यटक पंखे नहीं चलाते हैं. उनका कहना है कि वे गर्मी का आनंद ले रहे हैं. पसीना बहाकर शरीर को साफ का रहे हैं।

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